13वीं राष्ट्रीय शिक्षा कांफ्रेंस सिलीगुड़ी में शुरू
भोजपुर से PSACWA प्रेसिडेंट डॉ. स्मिता सिंह के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम रवाना
स्थान: सिलीगुड़ी | तारीख: 14 जून 2025
देश के निजी विद्यालयों के सबसे बड़े संगठन प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (PSACWA) द्वारा आयोजित 13वीं राष्ट्रीय शिक्षा कांफ्रेंस का शुभारंभ सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित Courtyard by Marriott होटल में हुआ।
यह तीन दिवसीय आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सैयद शमायल अहमद की अध्यक्षता में हो रहा है, जिसमें देशभर से 500 से अधिक स्कूल प्रतिनिधि, शिक्षाविद और नीति-निर्माता भाग ले रहे हैं।
🌟 भोजपुर PSACWA की टीम रवाना
PSACWA भोजपुर जिला अध्यक्ष डॉ. स्मिता सिंह के नेतृत्व में एक 11 सदस्यीय टीम सिलीगुड़ी के लिए रवाना हुई, जो बिहार की भागीदारी को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने का कार्य कर रही है। टीम के सदस्य हैं:
- खान एम.डी. रब्नवाज़ जाकी
- रविकांत जी
- सुजीत सिंह
- अंकुर आनंद
- सानवी आर्या
- सुगम आर्या
- वासी अख्तर
- उमा शंकर सिंह
- संजय कुमार
- अफरोज सानु
- अमरेश कुमार
डॉ. स्मिता सिंह ने कहा, “यह सम्मेलन भोजपुर की शिक्षा को नई दिशा देने का अवसर है और हम गर्व से इसमें भाग ले रहे हैं।”
🎓 Skill India के तहत नर्सरी शिक्षक प्रशिक्षण अभियान
सम्मेलन के दौरान भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) और PSCWA के बीच हुए समझौते के अंतर्गत नर्सरी शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान की शुरुआत की गई। यह पहल Skill India Mission का हिस्सा है।
📚 प्रमुख विषयों पर चर्चा
- नई शिक्षा नीति 2020 – कार्यान्वयन और चुनौतियाँ
- निजी स्कूलों को मान्यता और नवीकरण में समस्याएँ
- प्रारंभिक बाल शिक्षा और ECCE शिक्षकों का प्रशिक्षण
- CSR के माध्यम से स्कूलों को सहयोग
- बजट और लो-फीस स्कूलों की वित्तीय सुरक्षा
- डिजिटल शिक्षा और तकनीकी एकीकरण
- बाल सुरक्षा और POCSO अधिनियम का पालन
- राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान अभियान
🏛️ उद्घाटन में मौजूद विशिष्ट अतिथि
- श्री एन. इंद्रसेना रेड्डी – राज्यपाल, त्रिपुरा
- श्री विकास वैभव – वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी
- श्री तारिक अनवर – पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद
- श्री जी. किशन रेड्डी – केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री
📜 समापन पर राष्ट्रीय शिक्षा घोषणा पत्र
सम्मेलन का समापन एक “राष्ट्रीय शिक्षा घोषणा पत्र” के साथ होगा, जिसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। यह दस्तावेज़ नीति निर्माण में नई दिशा देगा।
यह सम्मेलन यह साबित करता है कि निजी विद्यालय अब केवल शिक्षा के नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के स्तंभ बन चुके हैं।
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