छठ पूजा के पावन पर्व पर एस. एन. मेमोरियल स्कूल में बच्चों ने सजाई संस्कृति, आस्था और शिक्षा की अनोखी छटा,ChhathPujaCelebration | SNMemorialSchool
आरा (भोजपुर): बिहार की सांस्कृतिक पहचान और लोकआस्था के सबसे पवित्र पर्व छठ पूजा का उत्सव आज एस. एन. मेमोरियल स्कूल, गौसगंज तथा एस. एन. मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल, कर्मन टोला में अपार हर्ष, उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। विद्यालय परिसर इस अवसर पर भक्ति संगीत, पारंपरिक लोकगीतों, रंगोली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सराबोर रहा। बच्चों ने अपनी कला और निष्ठा से यह सिद्ध किया कि शिक्षा तभी पूर्ण है जब उसमें संस्कार और संस्कृति का समावेश हो।
परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम
कार्यक्रम की शुरुआत सूर्यदेव और छठी मइया की आराधना से हुई। बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में “केलवा जे फरेला घवदानीं हरे-हरे” और “उग हे सूरज देव” जैसे छठ गीत प्रस्तुत किए, जिससे पूरा वातावरण भक्ति रस में डूब गया। बालिकाओं ने दीप प्रज्वलन और पारंपरिक नृत्य के माध्यम से छठ पूजा की पवित्रता और लोकजीवन में उसकी अहमियत को सजीव रूप में प्रस्तुत किया।
इन प्रस्तुतियों ने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि नई पीढ़ी आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी आत्मसात कर रही है।
संचालिका डॉ. स्मिता सिंह का प्रेरक संदेश
इस अवसर पर विद्यालय समूह की संचालिका एवं PSACWA भोजपुर की अध्यक्षा डॉ. स्मिता सिंह ने बच्चों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा:-
हमारा उद्देश्य केवल अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि हम अपने विद्यार्थियों में ऐसे संस्कारों का संचार कर रहे हैं जो उन्हें कर्मशील, संवेदनशील और आध्यात्मिक बनाते हैं। छठ पूजा हमें सिखाती है कि सच्ची शिक्षा वही है जो कर्म और धर्म, दोनों का समन्वय सिखाए।
उन्होंने आगे कहा कि छठ न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह प्रकृति, नारी शक्ति और सामूहिकता का प्रतीक भी है। बच्चों की प्रस्तुतियों ने इस भाव को सुंदरता से अभिव्यक्त किया।
शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का सामूहिक योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षकगण :-धीरज सिंह, कोमल कुमारी, सेयदा आरा, प्रियंका सोनी, उत्तम कुमार, अमित कुमार, अनुराग कुमार, पिंकू गोस्वामी, नवीन कुमार, प्रगति राज, निवेदिता, रूबी सिंह, सोनी कुमारी, नीमा कुमारी, अनु कुमारी सहित सभी शिक्षक एवं गैर-शिक्षण स्टाफ का उल्लेखनीय योगदान रहा।
सभी ने बच्चों को लोक परंपराओं, पूजा की विधि-विधान, सूर्योपासना के महत्व और पर्यावरण से जुड़े संदेशों के बारे में जानकारी दी। विद्यालय के प्रांगण में बच्चों द्वारा तैयार किया गया प्रतीकात्मक छठ घाट, कलात्मक सजावट और पारंपरिक संगीत आकर्षण का केंद्र रहा।
शिक्षा के साथ संस्कृति की साधना
एस. एन. मेमोरियल समूह की यह विशेषता रही है कि वह शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, संस्कृति और सामाजिक चेतना को भी समान महत्व देता है। विद्यालय समय-समय पर ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से बच्चों को न केवल अपनी जड़ों से जोड़ता है बल्कि उन्हें “वसुधैव कुटुम्बकम्” के आदर्श पर चलना भी सिखाता है।
बच्चों के चेहरों पर झलकता उत्साह, अभिभावकों की आंखों में गर्व और शिक्षकों के मन में संतोष यह दर्शा रहा था कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था और शिक्षा का अद्भुत संगम था।
निष्कर्ष
इस छठ पर्व पर एस. एन. मेमोरियल स्कूल ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि एक ऐसा संस्कारालय है जहाँ नई पीढ़ी कर्म और धर्म, दोनों को समान रूप से निभाने का संकल्प लेती है। यह आयोजन विद्यालय की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो हर बच्चे को ज्ञान, संस्कृति और श्रद्धा का संगम बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
रिपोर्ट: न्यूज़वेला टीम, भोजपुर
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